२८१ ॥ श्री छोटू बेड़िया जी ॥
पद:-
भजन बिन होइहौ मरि कै गोहिया।
सतगुरु करौ भजन विधि जानौ छोड़ौ तन मन वोहिया।
ध्यान धुनी परकाश दशा लय पाय जाव बनि लोहिया।
सन्मुख कमला विष्णु की झांकी हर दम निरखौं सोहिया।
अनहद सुनौ देव मुनि आवैं आशिष देवैं तोहिया।
छोटू कहैं त्यागि तन बैठो अचल धाम निर्मोहिया।६।