२८६ ॥ श्री सार्वभौम जी का कीर्तन ॥
पद:-
राम सीता कि जय राम सीता कि जय
राम सीता कि जय राम सीता कि जय।
कृष्ण राधे कि जय कृष्ण राधे कि जय
कृष्ण राधे कि जय कृष्ण राधे कि जय।
विष्णु कमला कि जय विष्णु कमला कि जय
विष्णु कमला कि जय विष्णु कमला कि जय।
शम्भु गिरिजा कि जय शम्भु गिरिजा कि जय
शम्भु गिरिजा कि जय शम्भु गिरिजा कि जय।
ब्रह्मा शारद कि जय ब्रह्मा शारद कि जय
ब्रह्मा शारद कि जय ब्रह्मा शारद कि जय।५।
गणपति सरस्वति कि जय गणपति सरस्वति कि जय
गणपति सरस्वति कि जय गणपति सरस्वति कि जय।
सीता राघो कि जय सीता राघो कि जय सीता राघो कि
जय सीता राघो कि जय।
राधा माधो कि जय राधा माधो कि जय राधा माधो कि
जय राधा माधो कि जय।
श्री विष्णु कि जय श्री विष्णु कि जय श्री विष्णु कि
जय श्री विष्णु कि जय।
उमा शंकर कि जय उमा शंकर कि जय
उमा शंकर कि जय उमा शंकर कि जय।
शारद ब्रह्मा कि जय शारद ब्रह्मा कि जय
शारद ब्रह्मा कि जय शारद ब्रह्मा कि जय।११।