३२०॥ श्री सुथरेशाह जी ॥
कीर्तन:-
अल्ला अल्ला अल्ला अल्ला खुदा खुदा खुदा खुदा
नवी नवी नवी नवी रवी रवी रवी रवी
साहब साहब साहब साहब मालिक मालिक मालिक मालिक
खालिक खालिक खालिक खालिक दाता दाता दाता दाता
कुदरत कुदरत कुदरत कुदरत मौला मौला मौला मौला।१।
अल्ला नवी खुदा रवी साहब नवी मालिक रवी।२।
खालिक नवी दाता रवी कुदरत नवी मौला रवी।३।
अल्ला रवी खुदा नवी साहब रवी मालिक नवी।४।
खालिक रवी दाता नवी कुदरत रवी मौला नवी।५।
अल्ला खुदा अल्ला खुदा नवी खुदा नवी खुदा।
दाता खुदा दाता खुदा कुदरत खुदा कुदरत खुदा मौला खुदा
मौला खुदा अल्ला नवी अल्ला नवी अल्ला रवी अल्ला रवी।
रवी खुदा रवी खुदा साहब खुदा साहब खुदा मालिक खुदा
मालिक खुदा खालिक खुदा खालिक खुदा।
अल्ला साहब अल्ला साहब अल्ला मालिक अल्ला मालिक
अल्ला खालिक अल्ला खालिक।
अल्ला दाता अल्ला दाता अल्ला कुदरत अल्ला कुदरत
अल्ला मौला अल्ला मौला।१०।
अल्ला खुदा नवी रवी साहब मालिक खालिक दाता कुदरत मौला।११।
मौला अल्ला कुदरत अल्ला दाता अल्ला खालिक अल्ला
मालिक अल्ला साहब अल्ला रवी अल्ला नवी अल्ला
खुदा अल्ला अल्ला अल्ला।१२।
मौला खुदा कुदरत खुदा दाता खुदा खालिक खुदा मालिक खुदा साहब
खुदा रवी खुदा नवी खुदा खुदा खुदा अल्ला खुदा।१३।
परवर दिगार गरीब परवर करीम रहीम साईं।
महबूब हकीकी कहौ दिलदार सनम भाई।१४।