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३५५ ॥ श्री लँगड़ शाह जी ॥


पद:-

सुनिये राम नाम का घण्टा।

सतगुरु करौ भजन विधि जानौ चढ़ि जावो तब अण्टा।

ध्यान प्रकाश समाधी होवै छूटे भव का टण्टा।

सन्मुख राम सिया की झांकी जियत बनो तब चण्टा।

जो नहिं मानो कहा हमारा अन्त हनै यम बण्टा।

नर्क में पल भर कलि नहिं पावो दोउ दिशि ते हो खण्टा।६।