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३७३ ॥ श्री गाना शाह जी ॥


पद:-

सुनिये रेफ़ बिन्दु का गाना।

सतगुरु करि सुमिरन विधि जानो जियति बनो मस्ताना।

होत हर समय रं रं रं रं हर शै से तर्राना।

ध्यान प्रकास समाधी होवै सुधि बुधि जहां भुलाना।

सुर मुनि मिलैं सुनो घट अनहद करो अमी रस पाना।५।

नागिन जगै चक्र सब बेधैं उलटि कमल खिल जाना।

सिया राम प्रिय श्याम रमा हरि दर्शन दें मन माना।

अन्त त्यागि तन चढ़ि सिंहासन हो साकेत रवाना।८।