४०३ ॥ श्री पंडित गोपीनाथ जी ॥ (२)
राम राम हरे राम राम हरे राम राम हरे रटि लावो तो।
श्याम श्याम हरे श्याम श्याम हरे श्याम श्याम हरे रटि लावो तो।
विष्णु विष्णु हरे विष्णु विष्णु हरे विष्णु विष्णु हरे रटि लावो तो।
शम्भु शम्भु हरे शम्भु शम्भु हरे शम्भु शम्भु हरे रटि लावो तो।४।
जय राम हरे जय राम हरे जय राम हरे रटि लावो तो।
जय श्याम हरे जय श्याम हरे जय श्याम हरे रटि लावो तो।
जय विष्णु हरे जय विष्णु हरे जय विष्णु हरे रटि लावो तो।
जय शम्भु हरे जय शम्भु हरे जय शम्भु हरे रटि लावो तो।८।
श्री राम हरे श्री राम हरे श्री राम हरे रटि लावो तो।
श्री श्याम हरे श्री श्याम हरे श्री श्याम हरे रटि लावो तो।
श्री विष्णु हरे श्री विष्णु हरे श्री विष्णु हरे रटि लावो तो।
श्री शम्भु हरे श्री शम्भु हरे श्री शम्भु हरे रटि लावो तो।१२।
नमो राम हरे नमो राम हरे नमो राम हरे रटि लावो तो।
नमो श्याम हरे नमो श्याम हरे नमो श्याम हरे रटि लावो तो।
नमो विष्णु हरे नमो विष्णु हरे नमो विष्णु हरे रटि लावो तो।
नमो शम्भु हरे नमो शम्भु हरे नमो शम्भु हरे रटि लावो तो।१६।