४१६ ॥ श्री हलीमा जी रण्डी ॥
पद:-
कांग्रेस कमेटी अब तो जीतेगी मान लीजै।
श्री स्वामी रामानन्द के वचनों पै ध्यान दीजै।
प्रगटै हैं वैश्य कुल में मोहन दास जान लीजै।
होगा उन्हीं से देश का उद्धार छान लीजै।
सम्वत २००० को आकर के जाने दीजै।५।
फिर दिन पर दिन बढ़ै सुख काहे किसान मींजै।
सतरह वरस के बीते सब सुख की खानि लीजै।
सुमिरन औ पाठ पूजन कीरतन औ गान कीजै।
पट अन्न प्रेम से फिर नित चाहै दान कीजै।
निर्वैर और निर्भय तब कौन तुमको मीजै।१०।
अब ही से भाई बहिनों तजि शान मान दीजै।
तन मन व प्रेम से चल सतगुरु से ज्ञान लीजै।
अपने से यह न मिलता हा कुल की कान छीजै।
धुनि ध्यान नूर औ लय हरि से पहिचान कीजै।
यह बैन जो कहै हम सो उर में ठान लीजै।
कहती हलीमा जागो अब आंखी कान कीजैं।१६।