४३७ ॥ श्री गरोवा कुम्हार जी ॥
पद:-
लागो लागो श्री सतगुरु पग लागो। जागो जागो जगत से तब जागो॥
त्यागो त्यागो कपट मल को त्यागो। वागो वागो पहिन लो सुख वागो॥
तागो तागो शब्द पर सुधि तागो। रागो रागो ध्यान धुनि हों रागो॥
भागो भागो नूर लय में भागो। पागो पागो रूप छवि संग पागो॥
मांगो मांगो काह फिरि तब मांगो। टांगो टांगो असुर सब गहि टांगो॥
नागो नागो होय नहि तब नागो। दागो दागो नाम की दागो।१२।