४६२ ॥ श्री जवर शाह जी ॥
पद:-
बांधो राम नाम का सोंटा।
सतगुरु करि पकड़न विधि जानो अजा क पकड़ो पीटो।
सारे असुर घेरि के पीटो दावो पकरि कै टोटा।
ध्यान धुनी परकाश दसा लय पाय जाव ह्वै मोटा।
राम सिया को सन्मुख देखौ हर योनिन जिन पोटा।५।
ईश्वर अंस कहाय हाय क्यों खरे से बनिगो खोटा।६।
थोड़े दिन जग में है रहना निज को समझो छोटा।
जवरसिंह कहैं पार होहु तब मातु पिता के ढोटा।८।