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४६३ ॥ श्री सवर सिंह जी ॥


पद:-

बांधो राम नाम की लाठी।

सतगुरु करि भांजन विधि जानो तूरो असुरन गांठी।

ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि चखौ अमी की आठी।

सियाराम को हर दम ताकौ बांधो भव की भाठी।

शांन्ति दीनता उर में धारो उघरै ज्ञान की टाठी।

सवर सिंह कहैं अब मति चूकौ चारि दिना की ठाटी।६।