५३३ ॥ श्री मूसर चन्द जी ॥
पद:-
सतगुरु बिना गती न होला। परि नाना योनिन में रोला।१।
फूटै नहिं भर्म फफोला। बिन मिले नाम का गोला।२।
लय ध्यान प्रकाश अमोला। जग हेतु देव मुनि खोला।३।
यह भजन करत शिव भोला। जो देत हैं भक्ति अमोला।४।
पद:-
सतगुरु बिना गती न होला। परि नाना योनिन में रोला।१।
फूटै नहिं भर्म फफोला। बिन मिले नाम का गोला।२।
लय ध्यान प्रकाश अमोला। जग हेतु देव मुनि खोला।३।
यह भजन करत शिव भोला। जो देत हैं भक्ति अमोला।४।