५५८ ॥ श्री लड़ङ्ग शाह जी ॥
पद:-
राम कृष्ण नारायण के उर चरन चिन्ह भृगु के सोहैं।
तीनों प्रभु एकै हैं मानो देखत ही तन मन सोहै।
राम के कर में धनुष बाण औ श्याम के कर मुरली तो है।
शंख चक्र गदा पद्म बिष्णु कर शोभा बरनि सकत को है।
तीनो प्रभु दाया के सागर हर दम भक्तन मुख जोहैं।
सतगुरु करि सुमिरन विधि जानो आय प्रेम में तव पोहैं।६।