७२० ॥ श्री आलस्य शाह जी ॥ (३)
पद:-
कोटिन में कोई शिष्य सतगुरु नाम का धनवान है।१।
तन मन दिया मारग गहा जियतै बना पहलवान है।२।
ध्यान धुनि परकाश लै में पहुँचगा बलवान है।३।
सन्मुख में सीता राम हर दम देखता नहि सान है।४।
पद:-
कोटिन में कोई शिष्य सतगुरु नाम का धनवान है।१।
तन मन दिया मारग गहा जियतै बना पहलवान है।२।
ध्यान धुनि परकाश लै में पहुँचगा बलवान है।३।
सन्मुख में सीता राम हर दम देखता नहि सान है।४।