७८७ ॥ श्री लक्ष्मी बाई जी ॥
पद:-
भारत कि जनता अब तो फूलै फलैगि भाई।
थोड़े हि दिन हैं बाकी घर घर बजै बधाई।
हरि जन अनेक हरि ने करि के दया पठाई।
सुमिरन औ पाठ पूजा कीर्तन कि धूम छाई।
आते समय हैं सब के मन मति पै हो सधाई।५।
कहना औ सुनना क्या है दिल तार लागि जाई।
हरि नाम कि कृपा से छूटैगि सारी काई।
तब तो बहार हर दम आतम कि एकताई।८।