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८५८ ॥ श्री लाल बिहारी जी ॥


पद:-

किसने सिखाया कृष्ण को यह जक्त बनाना।

चौरासी लक्ष योनि बना सब में समाना।

सब की फिकिर हमेशा देते आब औ दाना।

सब से बिलग भी रहते हैं गाते भि हैं गाना।

नचते हैं आप भी सखा सखियों को नचाना।५।

सुर मुनि हमेशा जपते करैं अस्तुती ध्याना।

नहिं आदि मध्य अन्त किसी ने कभी जाना।

तन मन से प्रेम दो लगा सन्मुख में दिखाना।८।