९० ॥ श्री श्याम बहादुर जी ॥
पद:-
सतगुर से लो नाम क तूर। सब में जो ब्यापक भरिपूर।१।
ध्यान समाधि खुलै क्या नूर। रा़धे कृष्ण को ताको हजूर।२।
तन मन प्रेम में कर दे चूर। श्याम बहादुर कह सो सूर।३।
पद:-
सतगुर से लो नाम क तूर। सब में जो ब्यापक भरिपूर।१।
ध्यान समाधि खुलै क्या नूर। रा़धे कृष्ण को ताको हजूर।२।
तन मन प्रेम में कर दे चूर। श्याम बहादुर कह सो सूर।३।