९८ ॥ श्री चलाका माई जी ॥
पद:-
काटै गुदरी दिवस निशि मुसरी।१।
मय परिवार लिहे लागी रहै मानत नाहीं ससुरी। दिवस निशि मुसरी।२।
बिन सतगुरु कोइ पकड़ि सकत नहिं तन में बैठी घुसरी।
दिवस निशि मुसरी।३।
कहै चलाका शब्द क मुगदर लै तूरो सब पसुरी।
दिवस निशि मुसरी।४।