२६२ ॥ श्री जय किशुन भाट जी मुकाम मलिहाबाद ॥
पद:-
भजिये राम नाम मुद मंगल।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानौ जियतै जीतौ दंगल।
ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि में तन मन चित रंगल।
राम सिया प्रिय श्याम सामने छूटि जाय जग जंगल॥
पद:-
भजिये राम नाम मुद मंगल।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानौ जियतै जीतौ दंगल।
ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि में तन मन चित रंगल।
राम सिया प्रिय श्याम सामने छूटि जाय जग जंगल॥