३०५ ॥ श्री हकीकत शाह जी ॥
पद:-
सतगुरु करि तजौ हम हम हम।
राम नाम में रम रम रम।
छूटै मन का गम गम गम।
ध्यान प्रकाश समाधी होवै जहां जाय नहिं तम तम तम।
अमृत पिओ सुनो घट अनहद सुर मुनि भेटैं सम सम सम।५।
सिया राम प्रिय श्याम रमा हरि सन्मुख चमकैं चम चम चम।
कहैं हकीकत शाह चेतिये चन्द रोज की दम दम दम।
नाही तौ पछिताइहौ भक्तौं छूटि जाय सब धम धम धम।८।