३१२ ॥ श्री कदीम शाह जी ॥
पद:-
सुनिये बोलत घट में तार।
बनो तार बाबू सतगुरु करि छूटै भर्म क भार।
लोक भुवन औ द्वीप खण्ड पुर देशन का निशिबार।
शब्द शब्द स्पष्ट लेव गिनि आवत नीक बिकार।
काह कहैं कछु कहत बनै नहिं जारी जो जो कार।
बे पैसा के काम होत सब कहत कदीम पुकार।६।