३३९॥ श्री लाला राधे रमन लाल जी॥
आयु घटाना और बढ़ाना धन यश पुत्र रोग हरना।
सुर मुनि को अधिकार दीन प्रभु करि विश्वास हृदय धरना।
शुभ कामन से सुक्ख होत औ अशुभ से मानो क्षय करना।
या से नर नारी सब चेतो पाप में तन मन मति भरना।
नाहीं तो तन तजि चलि नर्क में कल्पन होवैगा सरना।५।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानो जियति होय भव से तरना।
ध्यान धुनी परकाश दशा लय चलि दोनो करमन जरना।
राम श्याम नारायण सन्मुख तन तजि गर्भ न हो परना।८।