३७९ ॥ श्री गाज़ी मियां जी ॥ (८)
पद:-
चारों युग बेद पुकार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।
सब सुर मुनि ध्यावत सार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।
भव सागर पार उतार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।
सब मंत्रन का है तार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।२०।
सोहं ओंकार रकार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।
गाज़ी कहैं बारम्बार यही, भजि लेहु रकार मकार सही।२२।