३७९ ॥ श्री गाज़ी मियां जी ॥ (३०)
पद:-
बिमल बारीक मन मोहन मनोहर मन लोभावन हैं।१।
करो सतगुरु पता पाओ बने घट घट के दावन हैं।२।
प्रेम औ भाव से सुमिरौ सदा वह परम पावन हैं।३।
कहै गाज़ी मान लो साजी फेरि भव में न आवन है।४।
पद:-
बिमल बारीक मन मोहन मनोहर मन लोभावन हैं।१।
करो सतगुरु पता पाओ बने घट घट के दावन हैं।२।
प्रेम औ भाव से सुमिरौ सदा वह परम पावन हैं।३।
कहै गाज़ी मान लो साजी फेरि भव में न आवन है।४।