३८६ ॥ श्री रमजानी शाह ॥(२)
पद:-
भानु समान उदार होय औ सरिता के सम दानी जी।१।
बसुधा के सम सहन शील हो तब जानो भा ज्ञानी जी।२।
धीरे धीरे इस प्रकार से ह्वै जावै विज्ञानी जी।३।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानो कहैं शाह रमज़ानी जी।४।
पद:-
भानु समान उदार होय औ सरिता के सम दानी जी।१।
बसुधा के सम सहन शील हो तब जानो भा ज्ञानी जी।२।
धीरे धीरे इस प्रकार से ह्वै जावै विज्ञानी जी।३।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानो कहैं शाह रमज़ानी जी।४।