४५४ ॥ श्री रोवां शाह जी ॥
पद:-
रोवां कहैं रोवां तलक नहिं संग तेरे जायगा।१।
हरि नाम का सुमिरन करौ जो निज वतन पहुँचायगा।२।
माने तो उसका हो भला नहिं अन्त फिरि पछितायगा।३।
कसि नर्क में जम छोड़िहैं कल्पौं पड़ा चिल्लायगा।४।
पद:-
रोवां कहैं रोवां तलक नहिं संग तेरे जायगा।१।
हरि नाम का सुमिरन करौ जो निज वतन पहुँचायगा।२।
माने तो उसका हो भला नहिं अन्त फिरि पछितायगा।३।
कसि नर्क में जम छोड़िहैं कल्पौं पड़ा चिल्लायगा।४।