१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥ (११७)
पद:-
श्री हरि भक्तन के रखवारी।
शंख चक्र गदा पदुम लिहे कर धनुष बाण मुरली अति प्यारी।
तीनो शक्ती संग में सोहैं अनुपम छटा बड़ी सुकुमारी।
अन्धे कहैं बिना सतगुरु के कोई न इनको सकत निहारी।४।
पद:-
श्री हरि भक्तन के रखवारी।
शंख चक्र गदा पदुम लिहे कर धनुष बाण मुरली अति प्यारी।
तीनो शक्ती संग में सोहैं अनुपम छटा बड़ी सुकुमारी।
अन्धे कहैं बिना सतगुरु के कोई न इनको सकत निहारी।४।