२४१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥ (२४२)
पद:-
जानौ राम नाम की मौज।
सतगुरु करो भेद तब पावो कंगलन भागै फौज।
तेज समाधि रूप हो हासिल कर्म रेख दें गौंज।
अन्धे कहैं अन्त निज पुर हो छूटै जग दुख हौज।४।
पद:-
जानौ राम नाम की मौज।
सतगुरु करो भेद तब पावो कंगलन भागै फौज।
तेज समाधि रूप हो हासिल कर्म रेख दें गौंज।
अन्धे कहैं अन्त निज पुर हो छूटै जग दुख हौज।४।