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४०५ ॥ श्री दंगे शाह जी ॥

पद:-

मुरशिद करो खुद जान लो मक्के मदीने की सड़क।१।

चक्कर से जाना होत है बनि दीन जावोगे तड़क।२।

छिन छिन में बिजुली चमकती बादल की होती है कड़क।३।

डंका जुझाऊ बाजता सच्चा नहीं सकता भड़क।४।