७६ ॥ श्री चक्रवर्ती दशरथ जी महाराज ॥
दोहा:-
श्री अयोध्या पुरी में, गुरु वशिष्ट का भौन ।
वशिष्ट कुण्ड सरनाम है, पूरब गोकुल भौन ॥१॥
राम कृष्ण सोहैं तहाँ, शिव समेत हनुमंत ।
दर्शन हित गुरू पूर्णिमा, आवत हैं सब संत ॥२॥
दोहा:-
श्री अयोध्या पुरी में, गुरु वशिष्ट का भौन ।
वशिष्ट कुण्ड सरनाम है, पूरब गोकुल भौन ॥१॥
राम कृष्ण सोहैं तहाँ, शिव समेत हनुमंत ।
दर्शन हित गुरू पूर्णिमा, आवत हैं सब संत ॥२॥