७७१ ॥ श्री खट पट शाह जी ॥
पद:-
पतोहू जसुमति की प्रिय प्यारी।
संग दमाद बृषभान का राजत जो सब सृष्टि संवारी।
सतगुरु करि सुमिरन बिधि जानो हर दम सकौ निहारी।
ध्यान धुनी परकाश दशालय सुधि बुधि जहां बिसारी।
नागिन जगै चक्र सब बेधैं सातों कमल सुखारी।
अन्त त्याग तन निजपुर राजो जियति जीत जग पारी।६।