२ ॥ श्री १०८ परमहंस राम मंगल दास जी महाराज ॥
जारी........
नाम जपै अरु धरै ध्यान जब। फिर देखै वह अमर घाम तब॥
अभ्यन्तर धुनि नाम कि जानै। निर्विकल्प के ध्यान को मानै॥
गुरु कृपा करि मोहिं बतायो। करि अभ्यास भेद यह पायो।१०।
दोहा:-
वेद शास्त्र के परे मत, अति ही अगम अनन्त।
गरु दयाल किरपा करैं, तब जानै कोइ सन्त।१।
सत्य शब्द को जानि कै मन स्थिर ह्वै जाय।
क्रिया मान प्रारन्ध अरु, संचित जाय नशाय।२।
ध्रुव पद अचल अशोक है, आवागमन न होय।
यहि के नीचे लोक सब, अमर लोक यह होय।३।
रोम रोम मुख जीभ हो, रोम रोम चहे नैन।
तबहूँ देखत ही बनै, मुख से खुलै न बैन।४।
छन्द:-
गोलोक का कछु चरित दिल में था मेरे लिखता अभी।
श्री कृष्ण जी ने कहि दिया अब कछु नहीं लिखिये कभी।
अंदर से मेरे नाम की धुनि हो रही बसु याम है।
सुनते रहो इस शब्द को जो सत हमारा नाम है।
और थोड़े दिन रहो अब हीं यहां कछु काम है।
आवागमन नहिं होय कबहूँ बसौ मेरे धाम हैं।६।
दोहा:-
चितय नैन की कोर हरि, मधुर मधुर मुसुकाय।
अन्तर ध्यान भये तुरत, चित को लीन चुराय।१।
पद:-
जागु जागु नर क्या गाफिल है चल बेगम के बाग रे।
मानुष चोला बड़ा अमोला लगा दाग़ पर दाग़ रे।
करम काचली लगा चित्त में हुआ मानुष से नाग रे।
मन का भौंरा विषय क लोभी गुरु चरनन में लाग रे।
तन सराँय बिच बसत मुसाफिर क्या करता अरमान रे।५।
रैनि सिरानी उठि गये डेरा पड़ा रहा यह ठाठ रे।
हरि को भजै तो हंस कहावै कामी क्रोधी काग रे।
श्री जगदीश कहैं गुरु ज्ञानी सपने कैसा साथ रे।८।
श्री महात्मा गाँधी जी के सम्बंधी पद
पद:-
तन मन धन ते महात्मा, गान्धी कीन विचार।
सुखी रहैं सभी आतमा, कृपा करो करतार।१।
रहै न दिल में सादमा, सत्याग्रह व्रत धार।
मेल होय सब जातिमां, हो स्वराज्य सुखसार।२।
पद:-
स्वराज्य लें हम स्वराज्य लेंगे स्वराज्य लें हम स्वराज्य लेंगे।
करैंगे सत्याग्रह युध्द जारी महात्मा जी ने जो है विचारी।
न हम डरैंगे न हम डरैंगे स्वराज्य लें हम स्वराज्य लेंगे।
न खौफ़ हमको मशीन गन का न तोप तलवार तीर जनका,
जेहल चलैंगे जेहल चलैंगे स्वराज्य लें हम स्वराज्य लेंगे।
मुसलमां हिन्दू सब मिल के भाई करो आपस में अब मेल धाई।
तब यह कहैंगे तब यह कहैंगे स्वराज्य दें हम स्वराज्य देंगे।६।
शेर:-
गोखले मिस्टर तिलक, नौरोजी जो होते यहां।
तो मिटा देते यहां से, फूट का नामो निशां।१।
गज़ल:-
गांधी जी आज जग में धर्मी कहा रहें हैं।
जिनकी बदौलत हम सब, मौजैं उड़ा रहै हैं।
चरखा चलाय दीना क्या काम ठीक कीना।
सुन्दर स्वदेशी कपड़े बन बन के आ रहै हैं।
वालन्टियरों की सैना, देखो उघार नैना।५।
सहते हैं दुःख कैसा, जेलों में जा रहे हैं।
जारी........