७१ ॥ श्री सुदर्शन दास जी ॥
चोपाई:-
धूमा बती मातु के दर्शन। हर दम होते नाम सुदर्शन।
काक के ऊपर किहे सवारी। श्वेत बसन तन में सुभ धारी।
चारि भुजा सो हैं सुख कारी। निकसै तेज बदन ते भारी।
गौर बदन कोमल नीरज सम। राम नाम में तत्पर हरदम।
राम सिया सन्मुख में सोहैं। हर दम मातु मगन छबि जो हैं।५।