१०४ ॥ श्री शौनक जी ॥
पद:-
मनुआं लागु नाम में भैय्या।१।
ररंकार धुनि हर दम होती अपनै आप जपैय्या।२।
कृष्ण मनोहर नैनन सन्मुख संघ में राधे मैय्या।३।
भव बन्धन शौनक कहैं मिटिंगा गुरु चरनन चित लैया।४।
पद:-
मनुआं लागु नाम में भैय्या।१।
ररंकार धुनि हर दम होती अपनै आप जपैय्या।२।
कृष्ण मनोहर नैनन सन्मुख संघ में राधे मैय्या।३।
भव बन्धन शौनक कहैं मिटिंगा गुरु चरनन चित लैया।४।