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२२७ ॥ श्री पारबती माता जी के बाहन सिंह जी ॥


चौपाई:-

पारवती माता सुख दाई। तिनका बाहन मैं हो भाई।१।

नाम हमार सिंह जग जाना। करौं मातु सीता को ध्याना।२।

जिन सब शक्तिन को उपजावा। तिन चरनन मैं तन मन लावा।३।

दिब्य भोग शिव शिवा जो पावैं। सोई हम सब बाहन पावैं।४।