३२६ ॥ श्री शुकई जी ॥
पद:-
सभासद जौन हैं आये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
बचन अमृत जे बरसाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
सुना जिन तन मन हुलसाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
धन्य जे सब को बोलवाय उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
धर्म के मार्ग मन भाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।५।
सदा शुभ कार्य में धाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
वही नर तन को फल पाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।
चरणों में शुकई शिर नाये उन्हैं यह दिन मुबारक हो।८।