४७८ ॥ श्री सीता रामदास जी ॥
दोहा:-
राम नाम अनमोल है, जप बिधि लीजै जान।
धुनी खुलै एक तार तब दरशैं कृपा निधान।१।
सीता राम कहैं तबै जग से होवै न्यार।
नाहीं तो फिर गर्भ में झूलैं बारम्बार।२।
दोहा:-
राम नाम अनमोल है, जप बिधि लीजै जान।
धुनी खुलै एक तार तब दरशैं कृपा निधान।१।
सीता राम कहैं तबै जग से होवै न्यार।
नाहीं तो फिर गर्भ में झूलैं बारम्बार।२।