७६ ॥ श्री शुम्भ जी ॥
चौपाई:-
माता पारवती के हाथन। तन हत भयो मिटो जम जातन।१।
चढ़ि विमान वैकुण्ठ सिधायों। कहैं शुंभ मैं सत्य सुनायों।२।
चौपाई:-
माता पारवती के हाथन। तन हत भयो मिटो जम जातन।१।
चढ़ि विमान वैकुण्ठ सिधायों। कहैं शुंभ मैं सत्य सुनायों।२।