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४३० ॥ श्री मस्तानी माई जी ॥


पद:-

देखो देखो बहार घट देखो जी।

सतगुरु करौ भजन विधि जानौ भागै द्वैत गंवार। घट देखो जी॥

ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि सन्मुख प्रिय सरकार। घट देखो जी॥

अनहद सुनो पियो नित अमृत करैं देव मुनि प्यार। घट देखो जी॥

अन्त त्यागि तन निजपुर बैठो छूटै भव का जार। घट देखो जी॥

नर नारी सुनिये मम विनती प्रभु सुमिरन सुख सार। घट देखो जी।६।