४५५ ॥ श्री तदबीर शाह जी ॥
पद:-
पाप करना त्यागिये तोबा करो तोबा करो।
मुरशिद को करि अब जागिये तोबा करो तोबा करो।
सूरति शब्द पर पागिये तोवा करो तोबा करो।
तन मन वो प्रेम से लागिये तोबा करो तोबा करो।
तन के असुर गहि टांगिये तोवा करो तोबा करो।५।
मिटि जाय भव की आग ये तोवा करो तोबा करो।
हो ध्यान लय में भागिये तोबा करो तोबा करो।
सुधि बुधि प्रकाश में पागिये तोबा करो तोबा करो।
तदबीर शाह की सांगि ये तोबा करो तोबा करो।
रब सामने क्या मांगिये तोबा करो तोबा करो।१०।