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५२१ ॥ श्री जानकी बाई जी ॥


पद:-

धर्म जगत में सधा सो कीन्हा। तन तजि हरि पुर बैठक लीन्हा।१।

साधू ब्राह्मण जाति हो कोई। भूखा होय आय जाय सोई।२।

भोजन वसन लाय तेहि देवै। सो तन तजि हरि पुर चलि लेवै।३।

कहैं जानकी बाई बच्चा। सांचे को मिलता है सच्चा।४।