५२२ ॥ श्री पौवा माई जी ॥
पद:-
पीसौ राम नाम की चकिया।
सतगुरु करिके दाँव जानि लेव छोड़ो तन मन मखिया।
ध्यान धुनी परकाश दसा लय सुधि बुधि जहं हो खखिया।
सुर मुनि मिलैं सुनो नित अनहद अजा की काटो नकिया।
सन्मुख राम सिया छवि छावैं जियत सुफल हो अंखिया।
पावौ कहैं अन्त साकेतै चलौ सत्य हम भखिया।६।