६७३ ॥ श्री अला हुसेन जी ॥
(मुकाम मूल गंज, कानपुर)
शेर:-
शुक्र करते हैं किसी का न बुरा चहते हैं।
सब में लखते हैं सदा मस्त बने रहते है।१।
(मुकाम मूल गंज, कानपुर)
शेर:-
शुक्र करते हैं किसी का न बुरा चहते हैं।
सब में लखते हैं सदा मस्त बने रहते है।१।