७२४ ॥ श्री समाधी शाह जी ॥
पद:-
भक्तों शून्य में सभी समाना।१।
रूप प्रकाश ध्यान धुनि सुर मुनि चौदह लोक बखाना।२।
वाही से सब निकसत पैठत जानत नहिं अज्ञाना।३।
सतगुरु करि जो मार्ग जानि ले ताकी हो कल्याना।४।
पद:-
भक्तों शून्य में सभी समाना।१।
रूप प्रकाश ध्यान धुनि सुर मुनि चौदह लोक बखाना।२।
वाही से सब निकसत पैठत जानत नहिं अज्ञाना।३।
सतगुरु करि जो मार्ग जानि ले ताकी हो कल्याना।४।