८२४ ॥ श्री रहीमा जी ॥
पद:-
राधिका श्याम की जोड़ी क्या वांकी है।
हर दम सन्मुख रहै जिन तन मन टांकी है।
ध्यान परकाश लय धुनि सुनै जाकी है।
सच्चे सतगुरु बिना भाग्य असकाकी है।
हल जियति में किया उनको क्या बाकी है।५।
काल मृत्यु उन्हें देखि कै थाकी है।
गर वह चाहैं उन्हैं खेलें जिमि हाकी है।
रहिमा कहैं उन करम ढांकी है।८।