८६३ ॥ श्री मौलवी जी ॥
पद:-
मौलवी कह सबक पढ़ लो लखौ चौदह तबक जलदी।१।
ज़िन्दगी का भरोसा क्या न मालुम किस समय चलदी।२।
मारि जमदूत तन तूरैं लगावै कौन तब हल्दी।३।
बोल मुख से नहीं फूटै जाय नहि संग कोइ वल्दी।४।
पद:-
मौलवी कह सबक पढ़ लो लखौ चौदह तबक जलदी।१।
ज़िन्दगी का भरोसा क्या न मालुम किस समय चलदी।२।
मारि जमदूत तन तूरैं लगावै कौन तब हल्दी।३।
बोल मुख से नहीं फूटै जाय नहि संग कोइ वल्दी।४।