८९७ ॥ श्री सलारी जी ॥
पद:-
तुम्हैं श्याम हम अब मिलैंगे मिलैंगे।
कहां छिपके बैठे लखैंगे लखैंगे।
वो अनुपम छबी रस चखैंगे चखैंगे।
ये सतगुरु से मारग सिखैंगे सिखैंगे।
तो धुनि ध्यान लै में पगैंगे पगैंगे।
सलारी कहैं जग तजैंगे तजैंगे।६।
पद:-
तुम्हैं श्याम हम अब मिलैंगे मिलैंगे।
कहां छिपके बैठे लखैंगे लखैंगे।
वो अनुपम छबी रस चखैंगे चखैंगे।
ये सतगुरु से मारग सिखैंगे सिखैंगे।
तो धुनि ध्यान लै में पगैंगे पगैंगे।
सलारी कहैं जग तजैंगे तजैंगे।६।