२३ ॥ श्री चन्दन सिंहजी ॥
दोहा:-
दाना पानी के बिना यारों कछु न स्वहाय।
जब जावै वह उदर में सबै बात बनि जाय।१।
थोड़ा जल भोजन करै हलका रहै शरीर।
तब सुमिरन में मन लगै दरसैं सिया रघुवीर।२।
दोहा:-
दाना पानी के बिना यारों कछु न स्वहाय।
जब जावै वह उदर में सबै बात बनि जाय।१।
थोड़ा जल भोजन करै हलका रहै शरीर।
तब सुमिरन में मन लगै दरसैं सिया रघुवीर।२।