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१२२ ॥ श्री अब्बू मियां जी ॥


पद:-

कैसे राम नाम धन जोड़ैं यारों घर बट पार घुसे हैं।

लूट लेत कछु रहन न पावत ऐसे दुष्ट लसे हैं।

यही काम उनका है मानो हर दम कमर कसे हैं।

जिन पर सतगुरु दाया कीन्ही ते फिरि निडर बसे हैं।४।

बड़ा कठिन चक्कर भव भारी कितने जीव फँसे हैं।

को गिनि कहै शेश हिय हारे लीला समुझि हँसे हैं।

अब्बू कहैं ध्यान धुनि नूर औ लै में जौन रसे हैं।

हर दम राम सिया को निरखै तन तजि फिरि न खसे हैं।८।