३७९ ॥ श्री गाज़ी मियां जी ॥ (१२)
पद:-
भजु मन नाम रामानन्द।१।
सुमिरतै सब बिघ्न भागै मिटै भव का फन्द।२।
सरन में जे पहुँचि गे ते ह्वै गये निरद्वन्द।३।
गाज़ी कहैं वह रूप सुन्दर श्याम आनन्द कन्द।४।
पद:-
भजु मन नाम रामानन्द।१।
सुमिरतै सब बिघ्न भागै मिटै भव का फन्द।२।
सरन में जे पहुँचि गे ते ह्वै गये निरद्वन्द।३।
गाज़ी कहैं वह रूप सुन्दर श्याम आनन्द कन्द।४।